Maa Laxmi Devi
दीपावली पूजन विधि
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दीपावली का त्यौहार हम सब के लिए खुशियों और रोशनी का संदेश लेकर आने वाला है. इस वर्ष दीपों का यह त्यौहार कार्तिक अमावस्या के मौके पर 23 अक्टूबर 2014 को पड़ रहा है.
दीपावली जैसा की हम सब जानते हैं कि यह दीपों का त्यौहार है. इस दिन दियों की रोशनी अमावस्या की काली अंधेरी रात को जगमगाने पर विवश कर देती है. यह त्यौहार हमें यह सीख देता है कि अगर प्रकृति हमारी जिंदगी में अंधेरा भी कर दे तो हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और अपनी मेहनत से अंधेरे को उजाले में बदलने का हौसला रखना चाहिए ठीक उसी तरह जैसे अमावस्या की काली रात को दीप जलाकर रोशनी की जाती है. यह त्यौहार सत्य की असत्य पर विजय का भी प्रतीक है. इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष विधान है. मान्यता है इस दिन पूजा करने से मानव पर वर्ष भर धन और वैभव की देवी मां लक्ष्मी की कृपा रहती है.
संकल्प - आप हाथ में अक्षत लें, पुष्प और जल ले लीजिए। कुछ द्रव्य भी ले लीजिए। द्रव्य का अर्थ है कुछ धन। ये सब हाथ में लेकर संकल्प मंत्र को बोलते हुए संकल्प कीजिए कि मैं अमुक व्यक्ति अमुक स्थान व समय पर अमुक देवी-देवता की पूजा करने जा रहा हूं जिससे मुझे शास्त्रोक्त फल प्राप्त हों। सबसे पहले गणेशजी व गौरी का पूजन कीजिए। उसके बाद वरुण पूजा यानी कलश पूजन करनी चाहिए।
हाथ में थोड़ा सा जल ले लीजिए और आह्वान व पूजन मंत्र बोलिए और पूजा सामग्री चढ़ाइए। फिर नवग्रहों का पूजन कीजिए। हाथ में अक्षत और पुष्प ले लीजिए और नवग्रह स्तोत्र बोलिए। इसके बाद भगवती षोडश मातृकाओं का पूजन किया जाता है। हाथ में गंध, अक्षत, पुष्प ले लीजिए। सोलह माताओं को नमस्कार कर लीजिए और पूजा सामग्री चढ़ा दीजिए।
सोलह माताओं की पूजा के बाद रक्षाबंधन होता है। रक्षाबंधन विधि में मौली लेकर भगवान गणपति पर चढ़ाइए और फिर अपने हाथ में बंधवा लीजिए और तिलक लगा लीजिए। अब आनंदचित्त से निर्भय होकर महालक्ष्मी की पूजा प्रारंभ कीजिए।
पूजन विधि
इस दिन सुबह-सुबह जल्दी उठकर नहा लेना चाहिए और आलस्य का त्याग करना चाहिए. कहा जाता है कि लक्ष्मी वहीं वास करती हैं जहां सफाई और स्फूर्ति हो. लक्ष्मी आलस्य करने वालों का साथ नहीं देती. लक्ष्मी जी के स्वागत की तैयारी में घर की सफाई करके दीवार को चूने अथवा गेरू से पोतकर लक्ष्मीजी का चित्र बनाएं. आप चाहे तो लक्ष्मी जी की तस्वीर भी लगा सकते हैं. अमूमन लक्ष्मी जी के साथ इस दिन गणेश जी और सरस्वती जी की पूजा की जाती है इसलिए अगर एक ही फोटो में तीनों देवता हों तो अच्छा रहेगा.
लक्ष्मी जी के चित्र के सामने एक चौकी रखकर उस पर मौली बाँधें. अब चौकी पर छः चौमुखे व 26 छोटे दीपक रखें. इनमें तेल-बत्ती डालकर जलाएं. फिर जल, मौली, चावल, फल, गुढ़, अबीर, गुलाल, धूप आदि से विधिवत पूजन करें. पूजा पहले पुरुष तथा बाद में स्त्रियां करें. पूजा के बाद एक-एक दीपक घर के कोनों में जलाकर रखें.
ॐ पवित्रः अपवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपिवा।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स वाह्यभ्यन्तर शुचिः॥
पृथ्विति मंत्रस्य मेरुपृष्ठः ग षिः सुतलं छन्दः
कूर्मोदेवता आसने विनियोगः॥
एक छोटा तथा एक चौमुखा दीपक रखकर निम्न मंत्र से लक्ष्मीजी का पूजन करें:- अब पृथ्वी पर जिस जगह आपने आसन बिछाया है, उस जगह को पवित्र कर लें और मां पृथ्वी को प्रणाम करके मंत्र बोलें-
ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता।
त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु चासनम्॥
पृथिव्यै नमः आधारशक्तये नमः
नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरेः प्रिया.
या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात्वदर्चनात॥
इस मंत्र से कुबेर का ध्यान करें:
धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च.
भवंतु त्वत्प्रसादान्मे धनधान्यादिसम्पदः॥
इस पूजन के पश्चात तिजोरी में गणेशजी तथा लक्ष्मीजी की मूर्ति रखकर विधिवत पूजा करें. इसके बाद मां लक्ष्मी जी की आरती सपरिवार गाएं. पूजा के बाद खील बताशों का प्रसाद सभी को बांटें.
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Lakshmi Ganesh Saraswati Pujan
Deepavali Puja Vidhi In English
Pradosh Kaal Muhurat
Lakshmi Puja Muhurta = 18:56 to 20:14
Duration = 1 Hour 17 Mins
Pradosh Kaal = 17:39 to 20:14
Vrishabha Kaal = 18:56 to 20:52
Mahanishita Kaal Muhurat
Lakshmi Puja Muhurta = 23:39 to 24:31+ *(without sthir lagna)
Duration = 0 Hours 51 Mins
Mahanishita Kaal = 23:39 to 24:31+
Simha Kaal = 25:27+ to 27:44+
2014 Lakshmi Puja, Diwali Puja
On Diwali, Lakshmi Puja should be done during Pradosh Kaal which starts after sunset and approximately lasts for 2 hours and 24 minutes. Some sources propose Mahanishita Kaal also to perform Lakshmi Puja. In our opinion Mahanishita Kaal is best suited for Tantrik community and practicing Pandits who know the best about Lakshmi Puja during this special time. For common people we propose Pradosh Kaal Muhurat.
We don't advise to choose Choghadiya Muhurat to perform Lakshmi Puja as those Muhurtas are good only for travelling. The best time for Lakshmi Puja is during Pradosh Kaal when Sthir Lagna prevails. Sthir means fixed i.e. not moveable. If Lakshmi Puja is done during Sthir Lagna, Lakshmiji will stay in your home; hence this time is the best for Lakshmi Pujan. Vrishabha Lagna is considered as Sthir and mostly overlaps with Pradosh Kaal during Diwali festivity.
We provide exact window for Lakshmi Puja. Our Muhurat times contain Pradosh Kaal and Sthir Lagna while Amavasya is prevailing. We provide Muhurat based on location, hence you should select your city first before noting down Shubh Lakshmi Puja timings.